यंत्रों में छिपे हैं गूढ़ रहस्य
यंत्रों पर विभिन्न आकृतियाँ, अंक और चित्र अंकित होते हैं। हर चित्र, अंक और आकृति का अपना महत्व है। हर आकृति अलग अलग भावों का प्रतिनिधित्व करती है। यंत्रों में शाब्दिक मंत्रों और अंकों के अतिरिक्त चन्द्रमा, सूर्य, मछली, घट और देवताओं की आकृतियाँ, त्रिकोण, वर्ग, आयत, बिन्दु, रेखा, स्वास्तिक, वृत्त, कमल पुष्प के दल, षट्कोण आदि चिन्ह अंकित होते हैं। इनमें मुख्यतया काम में आने वाले चिन्हों का अर्थ इस प्रकार है।
ऊँ ; ॐ - परम् ब्रह्म, रचनात्मक संसार, परम् लक्ष्य, सत्य, चेतना, परम् आनन्द,
कमल दल - दलों की अलग अलग संख्या सुषुम्ना नाड़ी के अलग अलग चक्रों की शक्ति ; जो कि शरीर के शक्तिपुंज हैं
तिर्यक रेखा - पंचमहाभूतों में से एक वायु तत्व की शक्ति
आड़ी रेखा - पंचमहाभूतों में से एक जल तत्व की शक्ति
खड़ी रेखा - पंचमहाभूतों में से एक अग्नि तत्व की शक्ति
वर्ग - पंचमहाभूतों में से एक पृथ्वी तत्व की शक्ति
वृत्त - पंचमहाभूतों में से एक आकाश तत्व की शक्ति
अधोमुख त्रिकोण - त्रिदेवों में शिव की शक्ति, आध्यात्मिक अभिालाषा, अनि तत्व, ब्रह्माण्ड में स्थिरता देने वाला तत्व स्थिरता
ऊर्ध्वमुख त्रिकोण - शक्ति स्वरूप, ब्रह्माण्ड में रचनात्मकता देने वाला तत्व, जल तत्व
स्वास्तिक - समृद्धि, कल्याण, आध्यात्मिक विजय, शुभता,
बिन्दु - ब्रह्माण्ड का प्रारंभिक बिन्दु
षट्कोण - ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति कारक शिव एवम् शक्ति दोनों तत्वों का एकरूप शक्तिपुंज